मुझे तो लगता है कुछ चक्कर जरुर है in storiestostories

Share:
" मुझे तो लगता है कुछ चक्कर जरुर है । " इशारा ने उसे अकेले अकेले मुस्कुराते देख कर कहा तो वह घबरा गई । " हाय नहीं इशारा ! मैंने तो उसे देखा भी नहीं है । " " झूट बिल्कुल झूट । भाभी कह रही थी कि फिज्जा की शादी में रात उसी की गाड़ी में तुम लोग वापस आयी थीं । " उस ने उसे खोजती नज़रों से घूरा तो सहरगुल की पलकों पर मनों बोझ आ गिरा और फिर उस से कुछ न बोला गया । उस की यह हालत देख कर इशारा खिलखिला कर हंस दी । " कब से फोन की बेल बज रही है । तुम लोगों को सुनाई नहीं दे रही । " अजमल की आवाज़ पर वह दोनों चोंकी । मगर इतनी देर में रिसीवर उठा चुका था मगर फिर जैसे पत्थर का हो गया । ' हैलो ! ..... में शमीना बोल रही हूं । इशारा से बात करनी है । " उस की आवाज बिजली के तारों से गुज़रती अजमल के कानों पर तीर की तरह लंगी । एक लम्हे को उस का दिल चाहा वह सामोशी से बस उस की आवाज़ सुनता रहे । कितनी तकलीफ़ दे रही थी यह आवाज़ । मगर फिर भी दिल की तमन्ना यही थी कि सुनता रहे । " हैलो ! हेलो ! " " हैलो .... ! " उस ने कुछ देर के बाद अपनी खामोशी तोड़ी और दूसरी तरफ कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया । " अजमल ..... ! " उस के लब कपकपा गए । " तुम्हारी अना तुम्हारी इज्जत पर या अब उंगली नहीं उठेगी ? " वह अचानक ही सन्जीदा हो गया- " क्यों किया है फोन तुम ने ... जब कुछ भी नहीं रहा , तुम ने सारे तअल्लुकात पल भर में तोड़ दिये हैं । अब बाकी क्या रह गया है ? " उस ने तल्स लहजे में कहा और उस का जवाब सुने बगेर रिसीवर क्रेडिलं पर पटख दिया । उस के जिस्म का सारा खून चेहरे पर जम गया था और आंखों में शोले लपक उठे थे । उस लड़की ने उस से जीने की उमंग छीन ली थी । वह रुका नहीं और तेजी से कमरे से निकल गया । सहरगुल और इशारा दोनों की सांसें अटकी रह गयी थी । उन दोनों को समझने में देर नहीं लगी थी कि दूसरी तरफ शमीना थी । कितनी ही देर बाद वह दोनों चौकी तो इशारा , जैसे रुहांसी हो गई । " सहर ... यह ..... यह क्या हो गया ?. अजमल भाई और शमीना का झगड़ा हो गया है । " उस ने खोफजदा नजरों से सहर की तरफ देखा जो खुद इसी उलझन में गिरफ्तार हो गई थी । " मेरे ख्याल में हम उस से बात कर लेते हैं । " सहरगुल के जहन में आया तो वह तेजी से फोन की तरफ लपकी मगर फिर रुक गई " फोन नम्बर हे तुम्हारे पास ? " " हा , मेरी डायरी में है । " इशारा ने सर हिलाया और जल्दी से वेग से डायरी . निकाल कर शमीना का नम्बर निकाल कर महर को दे दिया और सहरगुत की आलिया तेजी से शमीना का नम्बर करने डायल करने लगी।

No comments