वह बार बार उसे काल करता रहा in storiestostories

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वह बार बार उसे काल करता रहा , मगर उसने काल वेक नहीं की वह और भी परीशान हो गया , किरन सोई हुई थी , उस वक़्त किरन को जगाना उसने मुनासिव नहीं समझा । सुबह तक उसका जहन मुस्तलिफ सोचो का मैदान बना रहा , वह रात भर एक पल के लिए भी न सो सका था , वह अंगारों पर लोट रहा था । सुबह उठा तो उसकी आंखें रात जगी । का मुंह बोलना सुबूत थी , वह बहुत परीशान दिखाई दे रहा था , उसकी हालत देखकर किरन ने पूछा । " जुगनू आप ठीक हैं , कोई प्राब्लम है तो बताए , परीशान दिखाई दे रहे हैं । " " रात भर सो नहीं सका । " उसने मजबूरी तलाशी । या " नहीं बताएंगे बात क्या है ? " " बात तो मुझे मालूम नहीं , मगर रात दीया की काल आई , वह रो रही थी , फिर फौरन ही उसने काल बन्द कर दी । मैंने उसे बहुत काल की , लेकिन उसने काल नहीं रिसीव की यह समझ में नहीं आया कि वह रो क्यों रही थी । बस इतना ही कहा जुगनू मुझे आपकी ज़रूरत है । " उसने : " आपने मुझे नहीं बताया मैं मालूम करती हूं । " उससे उसने शिकवा किया । " तुम सो रही थीं , इसलिए नहीं जगाया । " वह थोड़ी देर बाद बोली । " आप परीशान न हों में मिलती हूं उससे कालिज में फिर बताऊंगी आपको । " " किरन क्या मेरी मुलाकात नहीं हो सकती है दीया से ? " उसने बड़ी आस से पूछा । " एक बार मिलने दे उससे , फिर में साथ ही ले आऊंगी घर पर उसे । " " ओ . के . मैं इन्तिज़ार करूंगा । " उसके कालिज जाने पर वह किरन की काल का मुन्तज़िर रहा , उसका रोआं रोआं इन्तिज़ार बन गया और इन्तिज़ार के लम्हात लम्बे होते गए , उसने फिर दीया को काल की , मगर बेल बजती रही । दीया ने काल रिसीव नहीं , बहुत इन्तिज़ार के बाद किरन ने बताया कि दीया आज कालिज नहीं आई है , वह दीया के घर जा रही है , वहीं जाकर बता पाएगी कि बात क्या है ओ.के. । उसी दौरान उसने मम्मी को काल की , उसके लहजे की लरजिश उन्हें चौंक गई । " मम्मी आप पापा से बात करें , मुझे दीया से शादी करनी है , जितनी जल्दी हो सके । मम्मी आप यहां आ जाएं आप दीया का हाथ मांग लें अपने जुगनू के लिए , वह चौंधवी के चांद जैसी हसीन और पाकीज़ा है , वह आपके जुगनू की ज़िन्दगी है , मम्मी आ जाए प्लीज़ । " उसकी आंखों के गोशे भीग गए , वह खामोश हो गया । " मैं मर कर भी ऐसा नहीं होने दूंगी कि कोई मेरे बेटे की ख्वाहिश पूरी न होने दे । • तुम अपने पापा की तरफ से बेफिक हो जाओ , पहली बात तो वह जिद नहीं करेंगे और अगर ज़िद की भी तो में उन्हें मना लूंगी । यह मेरा तुम से वादा है , कल ही पहुंच रही हूं , तुम परीशान न हो , बल्कि तुम्हारे पापा को भी साथ लेकर आऊंगी । " उन्होंने उसे हौसला देते हुए काल ड्राप कर दी । अब उसे फिक्र थी तो सिर्फ दीया की तरफ से क्या होने वाला और क्या नहीं ।

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