मरियम के आने से घर में रौनक बढ़ जाती in storiestostories

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मरियम के आने से घर में रौनक बढ़ जाती , नासिर के लिए उनकी पसन्द की चीजें बनाई जाती , नासिर राव के आते ही घर के दरों दीवार अंगड़ाई लेकर जाग जाते , गेट से उनके हंसने बोलने की आवाज़े आना शुरू हो जाती , अन्दर आते ही वह आवाजे दे देकर सबको एक जगह जमा कर लेते । फायज़ा आपी को सोते से जगा देते , दीया को छुपने नहीं देते , उनके हाथ की चाय फरमाइश करके पीते , आसिफ़ा को कहते हमारे साथ बातें कीजिए । अव्या के सामने वह बहुत संजीदा होकर बैठते , लेकिन ख़ामोश रहना शायद उनके बस में नहीं था , वह अब्बा और इकबाल के साथ उनके पसन्दीदा टापिक पर बात करते कि वह दोनों भी बात करके खुश हो जाते और यही यक्त होता जब घर की औरतों को अपने अधूरे काम निवटाने का मौका मिल जाता । वर्ना वह अपनी मौजूदगी में किसी को कुछ करने दें यह मुमकिन नहीं था , फिर यह बात भी थी कि उनकी दिलचस्प बात सुनकर किसी कस महफिल से उठकर जाने को दिल न चाहता था । उनकी संगत ने मरियम के मूड और मिज़ाज पर भी बहुत अच्छा असर डाला था । उन्होंने बीवी के ऊपर चढ़े हुए संजीदा खोल को तोड़कर शोख और जिन्दा दिल मरियम को निकाल लिया था जो अब कदम वा कदम उनके साथ थी । दीया राव का ख्याल था कि वह लोग उनके आने पर हफ्ता भर के लिए ताजा व • ताकत का जखीरा जमा कर लेते हैं जो आने वाले दिनों में काम आता रहता है । आसिफा के यहां नन्हें मेहमान की आमद थी , उसके इस्तकबाल के लिए तथ्यारियां हो रही थीं , नसरीन बेगम के हाथ पांव फूल गए थे । " दादी बनने की खुशी में हाथ पांव फूले जा रहे हैं । " उन्होंने हंसते हुए कहा । " पता नहीं अब्बा के क्या जज्बात होंगे । दादा बनने पर । " फायजा ने दिल ही दिल में सोचा । " लेकिन हमें क्यों कर मालूम हो सकता । है , उन्हें तो अपने जज्बात व तास्सुरात छुपाने में महारत हासिल है , अब देखिए क्या सूरते हाल बनती है , घर मे मुन्ने के आने के बाद । " वह सोचते हुए किचन की तरफ चल दी । नन्हें आज़ान की आमद ने घर के मन्ज़र नामे को बिल्कुल तब्दील कर दिया था , वह घर जहां ख़ामोशी का बसेरा था अब आवाजों का मैदान बन गया था , हर कोई आजान साथ अपनी अपनी बोली बोलता हुआ नज़र आता , सब की खुशियां उस नन्हे बुजूद के साथ जुड़ गई थी फिर साल भर बाद राबिया की आमद ने रौनकों में और इजाफा कर दिया । फिर अल्लाह ने फायजा आपी के नसीव भी खोत दिए , अब्बा के दोस्त के बेटे थे । चट मंगनी पट ब्याह वाली बात थी , रऊफ शादी के बाद फायज़ा को लेकर दुबई चले गए और अब दीया रह गई थी । घर की फ़ज़ा में उसकी आवाजें गूंजती रहती । वह बच्चो के साथ बच्ची बनी रहती । घर के माहौल में बहुत बड़ी तब्दीली आ गई थी । उसने एमए में दूसरी पोजीशन हासिल की थी । एक कालिज में लेक्चरार की आफर आ गई और उसने यह आफर कुबूल कर ली उसके बाबूजूद भी वह बच्चों के साथ खेलती ओर शोर मचाती रहती । फिर न जाने क

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