अच्छी नौकरी in sort story

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                                                                   अच्छी नौकरी


लड़का पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी करने लगते उनकी मां बहनों को उनके लिए हूर परी चाहिए होती । खैर आज कल ब्यूटी पार्लरों की वजह से मामूली शक्तो सूरत वाली लड़कियों का अच्छा दिखना कुछ मुश्किल नहीं रहा था सो थोड़ी सी भाग दौड़ बाद रिश्ते तय पा ही जाते थे , लेकिन मिसेज़ नसीम की बच्ची में शायद आज कल की लड़कियों वाली तेज़ी तर्रारी न थी । में ने एक दो बार उसे देखा था । वह सादा और मासूम सी लड़की मेरे मन को तो भाई थी ।




 लेकिन लड़के वालों के दिल में नहीं उतर पाई । मैंने मिसेज नईम को तसल्ली और दिलासा दिया था और उन्हें यकीन दिलाया था कि मैं उनकी बच्ची का रिश्ता तय करवाने के लिए अपनी हर मुमकिन कोशिश करूंगी । " ठीक है मिसेज़ ख़ावर ! मैं चलती हूं । " वह कुछ उदास सी उठी थीं । उसी पल शाइस्ता और रामीन मेरे आफिस में आए थे । शाइस्ता कालिज में मेरे साथ पढ़ाती थी । आज कल वह अपनी बेटी के रिश्ते के लिए मेरे कॉन्टैक्ट में थी । अन्दर आते हुए दोनों मां बेटी ने एक उचटती निगाह मिसेज़ नईम पर डाली थी । उनका सुता हुआ चेहरा उनकी




 निगाहों से छुपा न रह सका था । " खैर तो है अमीना ! यह खातून ( महिला ) बहुत परीशान दिखाई दे रही थीं । क्या किस्सा है ? " शाइस्ता के सवाल पर मैं एक ठन्डी सांस लेकर रह गई । " किस्सा क्या है शाइस्ता ! इनकी बच्ची को बार बार रिजेक्ट किया जाता है , यही परीशानी है । बिन बाप की बच्ची है । तीन बेटियां हैं मिसेज नईम की । हाईस्कूल में लायब्रेरियन है ।

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