अपने बच्चों को पाला
अपने बच्चों को पाला है अच्छी तालीम दिलवाई लेकिन ....। " " लेकिन क्या ? मेरा मतलब है कि बच्ची का रिश्ता क्यों तय नहीं पा रहा ? " शाइस्ता ने दुख से पूछा । " शायद बच्ची आज की खूबसूरती के स्टैडेड पर पूरी नहीं उतरती । " मैं ने साफ़ साफ़ कह दिया । " ओह ! " शाइस्ता के मुन्ह से निकला । " अच्छा चलो छोड़ो इस ज़िक्र को
.. रामीन बेटा ! आप क्यों इतनी ख़ामोश हो , तबीअत तो ठीक है । " मैं ने रामीन पर ध्यान दिया । शाइस्ता की यह बेटी बहुत हंसमुख और बातूनी थी । शाइस्ता आज कल उसी के लिए रिश्ता तलाश कर रही थी । रामीन बहुत खूबसूरत न थी , मगर अच्छी लगती थी । " मेरा एक मशवरा मानेंगी अमीना आन्टी ! ऐसे लोग जो बिला वजह किसी लड़की को रिजेक्ट करते हैं आप उन्हें ब्लेक लिस्ट कर दिया करें । " रामीन बोल पड़ी थी । " अपनी आन्टी
के बिज़ेनस को ठप कराने का इरादा है क्या ? " शाइस्ता ने बेटी को घूरते हुए टोका । " नहीं रामीन ठीक कह रही है । मैं खुद यह सोच रही हूं जिन लोगों को तीन चार बार लड़की दिखाने पर भी कोई लड़की उन्हें पसन्द न आलू तो ऐसे लोगों पर हमेशा के लिए ' मिलन ' के दरवाज़े बन्द कर दूं । " " शहर में सिर्फ ' मिलन ' ही तो नहीं अमीना आन्टी ! और अस्ल बात तो लोगों के माइन्ड सेट की है । जो मांए अपने बेटे का रिश्ता देखने जाती हैं उनके साथ जाने वाली उनकी बेटी कितनी ही मामूली शक्लो सूरत की क्यों न हो ,
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