जख्मी के इलाज के लिए चीरे का दर्द in story
" कोई बात नहीं । जख्मी के इलाज के लिए चीरे का दर्द तो सहना ही पड़ेगा । जब वह रिश्तों को बरतेंगी , तुम्हारी बातें उन्हें शहद की तरह मीठी लगेंगी । एक न एक दिन उन्हें एहसास हो ही जाएगा कि तुमने उनको कैसा सुघड़ बना दिया है । " वह आंसुओं को पोंछते हुए बोलीं । " भाभी ! कहां जाना है ? " अरीबा की आवाज ने समीन को पास्ट से खींच निकाला । उसने नज़रें उठा कर नन्दों को देखा । पीला और हरा मिक्स कलर का ग़रारा सूट जिसकी कमीज़ के गले आस्तीन पर गोटे की चोड़ी चौड़ी सुनहरी बेल लगाई थी , पहने यह दोनों मुग़ल दौर की शहजादी लग रही थीं । घर में कई दिनों से शादी की चमक दमकं चल रही थी । दोनों की सहेलियों हिरा और सहर आकर खूब धमाल डालतीं । मिसबाह लेकिन बादे के बाबुजूद एक दिन भीन आई । उसके अपने घर में हल्ला गुल्ला लगा हुआ था । आख़िर उसके इकलौते भाई की शादी थी । अपनी हर दिल अज़ीज़ दोस्त अरीवा को भाभी बनाने के लिए जान तोड़ कोशिशें काम आ गयीं वर्ना उसकी अम्मी तो अपनी भान्जी नर्गिस को बहू बना कर लाने के लिए पर तोल रही थीं । अरीवा की मासूमियत ने पहली मुलाक़ात में ही मिसबाह के दिल में जगह पैदा कर दी । उसे डर लगता कि यह कांच की गुड़िया किसी बेदर्द हाथों में जाकर टूट फूट का शिकार न हो जाए । वह उन दोनों को इतना डांटती उपटती मगर वह हमेशा उसकी सच्ची मुहब्बत का एहतेराम करतीं । यह उनके अच्छे खानदान से तअल्लुक रखने की निशानी थी । अनीका की परीशानी ने उसके
इरादे को ताकत दी । " प्लीज वहना ! जल्दी से अपनी दोस को भाभी बना कर घर लाने का ( इन्तिज़ाम करो । मैं नर्गिस को अपनी बहन स्यात करता हूं । यह न हो कि तुम्हारा भाई अम्मी की मुहब्बत के हाथों मजबूर । होकर जाए । " दायत खत्म होने पर तो रमीज मिनवाह के पास जा बैठा लगा उसे मसका | लगाने । मारा B भाई की रज़ामन्दी ने जैसे उसके पर तना दिए । कमर कस कर मैदान में पड़ी अम्मी को मना कर ही दम लिया । ज्वार को भी अच्छी पोस्ट पर हैन्डसम सा रमीज़ अपनी लाडती और छोटी बहन के लिए मुनासिव लगा । वैसे भी जब मिलन आसमानों पर तय हो जाए तो ज़मीन पर मिलने के रास्ते अपने आप बनते जाते हैं । बगैर किसी रुकावट और बगैर किसी परीशानी के सारे मुआमलात अच्छी तरह से तय पाते चले गए । इस तरह दोनों बहनों की शादी एक ही दिन करने का फैसला किया गया । आज उनकी मेहन्दी की रस्म होनी थी । दोनों चुप सी बगैर सवाल जवाब किए भाभी के पीछे चल दी । समीन उन्हें बड़े कमरे की तरफ ले आई जिसका दरवाजा बन्द था । उन्होंने दरवाजा खोला तो दोनों बहनों की चकाचौन्द हो गयी । अनगिनत डिजाइन के माडर्न अन्दाज में सिले हुए खूबसूरत सूट , ब्रान्डेड जूते और महंगे हैन्द्र उनकी पसन्द की हर यह भीज उनके जहेज के सामान में रखी गई थी जिनकी फरमाइग कभी उन्होंने भाभी से की थी । मुझे पता है कि तुम लोग दिल ही दिल में मुझे बुरा समझती रही हो । मगर
No comments